Tuesday, April 29, 2025

सवेरा

 

सवेरा

सवेरा

उठो उठो जागो सवेरा हो गया,
सूरज का रथ चमकता सुनहरा हो गया।
चिड़ियों की चहचहाहट है गीत सुनाती,
धरती ने ओढ़ी चादर सुनहरी मुस्काती।
नव किरणों का संगम है जीवन बनाए,
हर पल को आनंद से अब सजाए।
सपनों को सच करने का आया ये मौका,
हर राह पर मिलेंगी तुम्हें नई रोशनी का धोखा।
तुम आगे बढ़ो, ये सवेरा पुकारता,
नव ऊर्जा से हर दिल को संवारता।
उठो, जागो और गढ़ो नया इतिहास,
तुम्हारे हौसले से बदल जाएगा आकाश।

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