"विजय दिवस" (भारत की विजय - बंगला देश का उदय)
साल 71 के शुरूआती महीनों में, युद्ध के दिखने लगे आसार
याहया खान ने पूर्व पाक में, शेख मुजीब को किया गिरफ्तार
पूर्व पाक में उठ रहे विद्रोह को, कुचल रही थी पाक सरकार
पाक सैनिकों ने ज़ुल्मो सितम कर, पूर्व पाक में किया अनाचार
यहाँ की बातें यहाँ पर छोडो, अब आगे का करूँ विस्तार
प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को, अखर रहा था पाक दुरव्यवहार
मानेकशॉ से किया राय मशविरा, और जाना सेना का विचार
क्या हम अप्रैल माह के अंदर, पाक पर कर सकते हैं वार
मानसून के चलते जनरल ने, बगैर दबाव के किया इंकार
यहाँ की बातें यहाँ पर छोडो, अब आगे का करूँ विस्तार
सन इकहत्तर तीन दिसम्बर, लगा पकिस्तान गया भरमाय
निर्बुद्धि ने हिन्दुस्तान पर, हमले का दिया बिगुल बजाय
पश्चिम भारत के हवाई अड्डों पर, पाकिस्तान ने दिए बम गिराय
इंदिरा जी ने मंत्रीमण्डल की, आपात बैठक ली तुरन्त बुलाय
यहाँ की बातें यहाँ पर छोडो, अब आगे का देउँ जिक्र सुनाय
पहले हमला करके पाक ने, अपनी शामत लेइ बुलाय
भारत ने भी पूर्व पाक में, चटगांव कब्ज़ा लिया छुडवाय
जेसोर, खुलना जीत लिये फिर, ढाका पर देइ नज़र जमाय
मिग इक्कीस बमवर्षक फाइटर, युद्ध के लिए दिए सजाय
यहाँ की बातें यहाँ पर छोडो, अब आगे का देउँ जिक्र सुनाय
ढाका गवर्नमेंट हाउस उपर, चौदह तारीख को दिए बम बरसाय
भारतीय बमवर्षक मिग ने, बिल्डिंग की छत देई उड़ाय
ढाका गवर्नर मलिक के हाथों, इस्तीफा भी लिया लिखवाय
काँपते हाथों मलिक साहब ने, खुद के दस्तखत दिए बनाय
यहाँ की बातें यहाँ पर छोडो, अब आगे का देउँ जिक्र सुनाय
भारत का हमला ना सहकर, जनरल नियाजी गए घबराय
16 दिसंबर ऐतिहासिक दिन, नियाजी सरेंडर दिए कराय
तिरानवे हजार पाक सैनिकों को, युद्ध में बंदी लिया बनाय
पूर्व पाक को आज़ाद कराकर, नया बांग्लादेश दिया बनवाय
यहाँ की बातें यहाँ पर छोडो अब आगे का देउँ जिक्र सुनाय
उनतालीस सौ रण बाँकुरों ने, भारत माँ पे दिया शीश चढ़ाय
इन शहीदों की याद में आज हम, विजय दिवस हैं रहे मनाय
आओ मिलकर नमन करें हम, विजय दिवस के वीरों को
मौका मिला तो हिन्द की खातिर, हम चूमेंगें शमशीरों को
मौका मिला तो हिन्द की खातिर, हम चूमेंगें शमशीरों को
जयहिन्द
जयभारत
आनन्द कुमार आशोधिया कॉपीराइट 2024