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Wednesday, January 28, 2015

तुम ना सही पर ख़त तुम्हारा मिल गया - नया हिन्दी गाना गीत कविता

तुम ना सही पर ख़त तुम्हारा मिल गया

तुम ना सही पर ख़त तुम्हारा मिल गया - नया  हिन्दी गाना गीत कविता

डूबते को तिनके का सहारा मिल गया
तुम ना सही पर ख़त तुम्हारा मिल गया

कांपते हाथों से खोला, तडफते होंठों से चूमा
लड़खड़ाती जुबान से पढ़ा और दिल मेरा झूमा
तेरी तड़फ महसूस करके, धड़क उठा है मेरा दिल
करके याद मिलन की घड़ी फड़क उठा है मेरा दिल
मत हो मेरी जान उदास, आने वाली है मिलन की घड़ी
ऐसा लगता है सनम तूं है मेरे सामने खड़ी
तेरे चेहरे पर खुशियों की लकीरें होंगी
आ आज़मा लें कैसी हमारी तकदीरें होंगी

रचयिता : आनन्द कवि आनन्द कॉपीराइट © 2015

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