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Friday, August 5, 2022

अग्निवीर ही अग्निपथ पर अपनी राह चुनेंगे

अग्निवीर ही अग्निपथ पर अपनी राह चुनेंगे

अग्निवीर ही अग्निपथ पर अपनी राह चुनेंगे


देश सेवा का अवसर है ये, सेना कोई रोजगार नहीं।
करो स्वेच्छा से वतनपरस्ती, सेना कोई बेगार नहीं।।

जड़ बुद्धि, चेतन शून्य, राष्ट्र विरोध में संलिप्त हैं।
स्वार्थ में अतिरेक तत्त्व, देश प्रेम से रिक्त हैं।।

भर्मित, कुंठित, दिशाहीन, क्या ख़ाक देश चलाएँगे?
ये तो वो परजीवी हैं, जो देश फूँक छुप जाएँगे।।

संस्कारी अनुशासित युवा ही, नव आयाम भरेंगे।
उपद्रवी तो वतन जलाकर, घर पर आराम करेँगे।।

देशप्रेम के ज़ज़्बे से जो, ओतप्रोत होँगे युवा।
भारत भू की रक्षा के, जिम्मेदार होँगे वो युवा।।

अग्निवीर ही अग्निपथ पर, अपनी राह चुनेंगे।
भारत माँ की रक्षा हेतु, रण में यलगार करेंगे।।

सेना में भर्ती होने का, ये मौका बड़ा सुनहरा है।
जा कर समर्पित जान देश पर, ये सौदा खरा खरा है।।

आकर्षक वेतन पाने वालों से तो, यह संसार भरा है।
तन न्यौछावर कर भारत माँ पे, वीरों ने शीश काट धरा है।।

है हिम्मत, तो आओ पर करें, सेना तो आग का दरिया है।
तुम क्या समझे सेना को, क्या ये रोज़गार का जरिया है।।

ये नौकरी नहीं, भारतीय सेना तो ज्वालामुखी का मुहाना है।
अग्निपथ वो चुनें, जिन अग्निवीरों को इस तपिश में नहाना है।।

रचयिता : आनन्द कवि आनन्द कॉपीराइट © 2022

स्वरचित, मौलिक, अप्रकाशित रचना
आनन्द कुमार आशोधिया (आनन्द कवि आनन्द)
रिटायर्ड वारण्ट अफसर, वायुसेना
शाहपुर तुर्क, सोनीपत, हरियाणा
पिन 131001
मोबाइल नंबर : 9963493474


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