जय परशुराम
धरती पर वीर जब आए, पापों का अंत कराया।
फरसा लेकर जो बढ़ चले, असुरों का नाश करवाया।
रेणुका मां के लाल बड़े, धरम का पाठ पढ़ाया।
पिता के वचन निभा के जो, अधर्म का राज मिटाया।
सात बार पृथ्वी से, भारी राजा हटाए।
धरम की ज्योति जलाकर जो, सत्य का मार्ग दिखाए।
दुष्टों से जब घिरे जमाना, वीरता का रूप दिखाया।
परशुराम ने आकर धरती, अधर्म का अंत कराया।
राजा अर चक्रवर्ती तक, झुकाए शीश वहाँ।
धरम अर ज्ञान के रक्षक जो, किए पापी का विधान।
धरम के दीप जलाए जो, अधर्म को दूर भगाए।
सत्य अर शक्ति का संगम ले, जगत को राह दिखाए।
चलो उनके पद चिन्हों पे, सत्य का पाठ पढ़ाएँ।
धरम की ज्योति जलाके हम, सबका जीवन सजाएँ।
यह वीरता की गाथा है, इसे सदा पूज्य बनाएँ।
जय परशुराम का नाम ले, जगत में मान बढ़ाएँ।
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