अधराजण: हरियाणवी लोक, इतिहास और महाकाव्यात्मक त्रासदी का पुनर्पाठ
अधराजण: हरियाणवी लोक, इतिहास और महाकाव्यात्मक त्रासदी का पुनर्पाठ
(Adhirājan: A Critical Reading of Haryanvi Folk Epic in Ragni Tradition)
हरियाणवी लोक-साहित्य केवल मौखिक परंपरा नहीं, बल्कि समाज की सामूहिक स्मृति और नैतिक चेतना का सजीव दस्तावेज होता है। “अधराजण”, कवि आनन्द कुमार आशोधिया (कवि आनन्द शाहपुर) द्वारा रचित, एक साधारण हरियाणवी रागणी संग्रह नहीं है, बल्कि उन्नीसवीं शताब्दी के राजनैतिक, सामाजिक और नैतिक द्वंद्वों का गहन साहित्यिक पुनर्पाठ है।
यह कृति लोक, इतिहास और पिंगल शास्त्र — तीनों को एक साझा मंच पर लाती है।
📜 कथ्य: सत्ता, प्रेम और सामाजिक टकराव
अधराजण का केंद्र जयपुर के महाराजा जगत सिंह और रसकपूर के बीच का संबंध है — जो केवल प्रेम कथा नहीं, बल्कि सामंती सत्ता, वंशवादी शुचिता और स्त्री-चेतना के टकराव की महाकाव्यात्मक त्रासदी है।
रसकपूर का दरबार में प्रवेश उस युग की सामाजिक संरचना को सीधी चुनौती देता है। कवि आनन्द कुमार आशोधिया ने इस संघर्ष को रागणी शैली में अत्यंत सूक्ष्मता और संवेदनशीलता के साथ रचा है।
📐 छंद-विधान और पिंगल शास्त्र
इस ग्रंथ की सबसे बड़ी शक्ति इसकी छंद-शुद्धता है।
आनन्द कुमार आशोधिया ने लोक परंपरा के मुक्त प्रवाह को पिंगल शास्त्र की कठोर कसौटी पर साधा है।
लयात्मकता और अंत-तुकों का अनुशासित प्रयोग
हरियाणवी सांग शैली का शास्त्रीय संरक्षण
लोक-बिंबों (पनघट, महल, ड्योढ़ी) की गहरी सांस्कृतिक जड़ें
यह रागनियाँ केवल गेय नहीं, बल्कि शोधात्मक साहित्यिक पाठ बन जाती हैं।
⚖️ न्याय, षड्यंत्र और गुरु परंपरा
दरबारी षड्यंत्रों के संदर्भ में गुरु पालेराम का कथन इस कृति को दार्शनिक ऊँचाई प्रदान करता है। यहाँ न्याय की प्रक्रिया स्वयं प्रश्नांकित होती है — जहाँ दोषी छूट जाते हैं और सत्य दंडित होता है।
यह लोक-साहित्य के माध्यम से किया गया एक कालजयी नैतिक प्रतिरोध है।
📚 पुस्तक विवरण (ISBN Authority)
पुस्तक का नाम: अधराजण
लेखक / कवि: आनन्द कुमार आशोधिया (कवि आनन्द शाहपुर)
विधा: हरियाणवी लोक रागणी संग्रह (साँग शैली)
ISBN (द्वितीय संस्करण): 978-93-5469-116-4
प्रकाशन वर्ष: 2025
प्रकाशक: Avikavani Publishers
स्वप्रकाशन: Anand Kumar Ashodhiya
स्थान: शाहपुर तुर्क, सोनीपत, हरियाणा
ISBN 978-93-5469-116-4 इस कृति को वैश्विक पुस्तक पारिस्थितिकी तंत्र (Global Book Ecosystem) में आधिकारिक पहचान प्रदान करता है।
🖋️ लेखक परिचय
आनन्द कुमार आशोधिया, सेवानिवृत्त भारतीय वायुसेना वारंट ऑफिसर, एक प्रतिष्ठित कवि, अनुवादक और लोक-साहित्य के गंभीर अध्येता हैं।
वे Avikavani Publishers के संस्थापक हैं और हरियाणवी, हिंदी एवं अंग्रेज़ी में 250+ से अधिक रचनाओं के रचयिता हैं।
📌 निष्कर्ष
“अधराजण” हरियाणवी साहित्य में केवल एक लोक-कृति नहीं, बल्कि
शोध-साहित्य
लोक-इतिहास
और नैतिक दर्शन
तीनों का संगम है।
यह पुस्तक उन पाठकों और शोधकर्ताओं के लिए अनिवार्य है, जो लोक-साहित्य को केवल मनोरंजन नहीं, बल्कि सामाजिक स्मृति और साहित्यिक प्रतिरोध के रूप में देखते हैं।
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