मुझे छू ना ना सनम
मुझे छू ना ना सनम, तुझे तेरी जान की कसम
मेरी जान की कसम, मैं मर जाऊँगी, हाय मैं मर जाउंगी
मेरे दिल की धड़कन बढ़ती
मेरी साँस तेज़ सी चलती
ना नज़र तेरे से हटती, मैं मर जाऊँगी, हाय मैं मर जाउंगी
ना दिल पे काबू रहता
मेरा जोबन दरिया बहता
मेरा रोम रोम ये कहता, मैं मर जाऊँगी, हाय मैं मर जाउंगी
जब प्रेम ज्वाला सुलगे,
साँसों की लड़ियाँ उलझे
प्रेम बीज़ जब उपजे, तो मैं मर जाऊँगी, हाय मैं मर जाउंगी
रचयिता : आनन्द कवि आनन्द कॉपीराइट © 2015-16
No comments:
Post a Comment