Monday, January 26, 2015

नज़र- नया हिन्दी गाना गीत कविता

नज़र

नज़र- नया हिन्दी गाना गीत कविता

नज़र ना हटाना, नज़र ना चुराना,
नज़र ना लगाना कोई मेरे दीवाने को, मेरे दीवाने को
नज़रों के तीर मारो खींच के
नज़र नज़रों से मिलालो, नज़र रस्ते में बिच्छालो,
नजार फ़िरालो मेरे आशिक की नज़रों से, आशिक की नज़रों से,
नज़रों के तीर मारो खींच के

नज़र ना हटाना, नज़र ना चुराना,
नज़र ना लगाना कोई मेरे दीवाने को, मेरे दीवाने को
नज़रों के तीर मारो खींच के

नज़रों से रुत बिखराके, नज़रों से नज़र बचाके,
नज़रों से बहकाके, मेरे दिलबर की नज़रों पे, दिलबर की नज़रों पे,
नज़रों के तीर मारो खींच के

नज़र ना हटाना, नज़र ना चुराना,
नज़र ना लगाना कोई मेरे दीवाने को, मेरे दीवाने को
नज़रों के तीर मारो खींच के

रचयिता : आनन्द कवि आनन्द कॉपीराइट © 2015
नज़र- नया हिन्दी गाना गीत कविता 

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