शीशे सा मेरा दिल
शीशे सा मेरा दिल तुने बेदर्दी से तोड़ दिया
तोड़ दिया मेरा दिल, मेरा गम से रिश्ता जोड़ दिया
यादें सुहानी तेरी मुझको सताएँ
बैरन भाई जुल्फें मेरी, मुझको खिजाएँ
फिजाएँ भी दुश्मन हो गई, मेरे घर से नाता तोड़ दिया
तोड़ दिया मेरा दिल, मेरा गम से रिश्ता जोड़ दिया
प्यार के सागर में, आंधी सी आ गई
अंखियन में अँसुवन की बदली समा गई
आई बरखा आंसुओं की आँख का दामन छोड़ दिया
तोड़ दिया मेरा दिल, मेरा गम से रिश्ता जोड़ दिया
शीशे सा मेरा दिल तुने बेदर्दी से तोड़ दिया
तोड़ दिया मेरा दिल, मेरा गम से रिश्ता जोड़ दिया
रचयिता : आनन्द कवि आनन्द कॉपीराइट © 2015
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