मेरी माँ
मेरी माँ का प्यार अनोखा, जैसे सूरज की किरण।
हर कठिनाई में वो बनती, एक सजीव प्रेरण।
उसके आँचल की महक में, जीवन का सारा ज्ञान।
उसकी ममता के आगे झुके, सारा ही जहान।
उसके चेहरे की मुस्कान से, दुख सब दूर भाग जाएं।
उसकी गोदी का आराम, हर चिंता को बहलाएं।
उसकी आँखों में सागर, प्रेम का बहता धारा।
हर शब्द उसके हों जैसे, मन का मधुर सहारा।
उसने जीवन सौंपा मुझको, अपने सुख त्याग दिए।
मेरी खुशियों के लिए उसने, सपने अपने भाग दिए।
हर दिन मेरी राह संवारे, बनकर रौशनी का दीप।
उसके बिना अधूरा मुझमें, जीवन का हर संगीत।
मेरी माँ के चरणों में है, सारा स्वर्ग समाया।
उसके आशीष से जीवन में, सब कुछ मैंने पाया।
वो देवी जैसी पूजनीय है, धरती पर अवतार।
मेरी माँ के जैसा कोई नहीं, वो है सबसे महान।
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