जय जय हनुमान
जय जय हनुमान की गाथा, गूंजे सब दिशाओं में,
संकट हरने वाले वीर, पूजें सब मन मंदिरों में।
केसरिया तन, तेज अनोखा, गदा हाथ में थामा
राम नाम का रक्षक बनकर, हर बुराई को मारा
पवनपुत्र का रूप सुहाना, भक्तों का रखवाला
जहाँ भी संकट छाया हो, वह पहुँचे पल में न्यारा
लंका में जा रावण को हराया, सीता का सम्मान बढ़ाया
संजीवनी ले लखन को बचाया, सत्य का पाठ दिखाया
धरती पर धर्म की रचना, उनका संदेश अद्भुत
उनके चरणों की धूलि से भी, जगत का हर दुख छूट
राम कथा में सदा रमते, सत्य के पथ दिखलाते
उनके नाम की महिमा गाते, सबका जीवन सवारते
चलो पुकारें नाम बजरंगी, संकट मोचन का गान
उनके तेज से मिटे अंधेरा, जग में बढ़े धर्म का मान
हनुमान के गुणों को गाओ, हर दिल में प्रेम जगाओ
संकटों से लड़ने की ताकत, उनकी कृपा से पाओ
हरि के दास, महान जो ज्ञानी, योग और शक्ति के स्वामी
नमन करें सब उनके चरणन, जिनसे मिलती है सुखधानी
जय जय हनुमान हमारा, भक्तों के हितकारी
उनके आशीष से पाते, जीवन की सब तैयारी
गुन गाओ उनके जीवन का, उनका जो आदर्श
उनके बिना अधूरी है, राम कथा की पथ परिधि
चलो मिलके करें वंदना, और उनका गुण गाएँ
जय जय हनुमान पुकारें, संकट सब हरवाएँ।
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