Tuesday, April 29, 2025
सवेरा
जय परशुराम
जय परशुराम
धरती पर वीर जब आए, पापों का अंत कराया।
फरसा लेकर जो बढ़ चले, असुरों का नाश करवाया।
रेणुका मां के लाल बड़े, धरम का पाठ पढ़ाया।
पिता के वचन निभा के जो, अधर्म का राज मिटाया।
सात बार पृथ्वी से, भारी राजा हटाए।
धरम की ज्योति जलाकर जो, सत्य का मार्ग दिखाए।
दुष्टों से जब घिरे जमाना, वीरता का रूप दिखाया।
परशुराम ने आकर धरती, अधर्म का अंत कराया।
राजा अर चक्रवर्ती तक, झुकाए शीश वहाँ।
धरम अर ज्ञान के रक्षक जो, किए पापी का विधान।
धरम के दीप जलाए जो, अधर्म को दूर भगाए।
सत्य अर शक्ति का संगम ले, जगत को राह दिखाए।
चलो उनके पद चिन्हों पे, सत्य का पाठ पढ़ाएँ।
धरम की ज्योति जलाके हम, सबका जीवन सजाएँ।
यह वीरता की गाथा है, इसे सदा पूज्य बनाएँ।
जय परशुराम का नाम ले, जगत में मान बढ़ाएँ।
मेरी माँ
मेरी माँ
मेरी माँ का प्यार अनोखा, जैसे सूरज की किरण।
हर कठिनाई में वो बनती, एक सजीव प्रेरण।
उसके आँचल की महक में, जीवन का सारा ज्ञान।
उसकी ममता के आगे झुके, सारा ही जहान।
उसके चेहरे की मुस्कान से, दुख सब दूर भाग जाएं।
उसकी गोदी का आराम, हर चिंता को बहलाएं।
उसकी आँखों में सागर, प्रेम का बहता धारा।
हर शब्द उसके हों जैसे, मन का मधुर सहारा।
उसने जीवन सौंपा मुझको, अपने सुख त्याग दिए।
मेरी खुशियों के लिए उसने, सपने अपने भाग दिए।
हर दिन मेरी राह संवारे, बनकर रौशनी का दीप।
उसके बिना अधूरा मुझमें, जीवन का हर संगीत।
मेरी माँ के चरणों में है, सारा स्वर्ग समाया।
उसके आशीष से जीवन में, सब कुछ मैंने पाया।
वो देवी जैसी पूजनीय है, धरती पर अवतार।
मेरी माँ के जैसा कोई नहीं, वो है सबसे महान।
जीवन का सन्देश
जीवन का सन्देश
चलो चलें उस पथ पर, जहाँ सत्य का प्रकाश हो,
हर कदम पर प्रेरणा मिले, हर दिल में विश्वास हो।
जहाँ हवा का हर झोंका, प्रेम का संदेश दे,
जहाँ मनुष्य के कर्म से, सारा जग नम्र हो वे।
चलो बनें वो किरण, जो अंधेरों को मिटा सके,
हर हृदय में दीप जलाकर, नया सवेरा ला सके।
धरती को स्वर्ग बनाएँ, इंसानियत का गीत गाएँ,
जहाँ ना हो कोई भेदभाव, बस प्रेम की राह चलाएँ।
चलो बनें वो बादल, जो धरा को ठंडक दे,
हर उदास चेहरे को, हंसी का सच्चा संकेत दे।
जहाँ परिंदों की उड़ान में, आज़ादी का सुर गूंजे,
जहाँ बच्चों की मुस्कान से, हर आँगन खुशबू पूजे।
चलो उठाएँ वो हथियार, जो ज्ञान का प्रकाश फैलाए,
हर कोने में सत्य की ज्योत, विश्वास का दीप जलाए।
इंसानियत की राह पे चलकर, बनें दुनिया के मिसाल,
जहाँ मिट जाए हर अधर्म, और धरम का हो जलाल।
यह जीवन का सन्देश है, इसे सब दिल से अपनाएँ,
हर दिन को सुंदर बनाएँ, हर रिश्ते को गहराएँ।
जय जय हनुमान
जय जय हनुमान
जय जय हनुमान की गाथा, गूंजे सब दिशाओं में,
संकट हरने वाले वीर, पूजें सब मन मंदिरों में।
केसरिया तन, तेज अनोखा, गदा हाथ में थामा
राम नाम का रक्षक बनकर, हर बुराई को मारा
पवनपुत्र का रूप सुहाना, भक्तों का रखवाला
जहाँ भी संकट छाया हो, वह पहुँचे पल में न्यारा
लंका में जा रावण को हराया, सीता का सम्मान बढ़ाया
संजीवनी ले लखन को बचाया, सत्य का पाठ दिखाया
धरती पर धर्म की रचना, उनका संदेश अद्भुत
उनके चरणों की धूलि से भी, जगत का हर दुख छूट
राम कथा में सदा रमते, सत्य के पथ दिखलाते
उनके नाम की महिमा गाते, सबका जीवन सवारते
चलो पुकारें नाम बजरंगी, संकट मोचन का गान
उनके तेज से मिटे अंधेरा, जग में बढ़े धर्म का मान
हनुमान के गुणों को गाओ, हर दिल में प्रेम जगाओ
संकटों से लड़ने की ताकत, उनकी कृपा से पाओ
हरि के दास, महान जो ज्ञानी, योग और शक्ति के स्वामी
नमन करें सब उनके चरणन, जिनसे मिलती है सुखधानी
जय जय हनुमान हमारा, भक्तों के हितकारी
उनके आशीष से पाते, जीवन की सब तैयारी
गुन गाओ उनके जीवन का, उनका जो आदर्श
उनके बिना अधूरी है, राम कथा की पथ परिधि
चलो मिलके करें वंदना, और उनका गुण गाएँ
जय जय हनुमान पुकारें, संकट सब हरवाएँ।
Thursday, March 27, 2025
शिव महिमा के त्रिपदी छन्द
शिव
महादेव नाथ
अद्वितीय शक्ति स्वरूप।
नीलकंठ
संहार हेतु
करुणामय त्रिनेत्र धारी।
शंकर
शिवशक्ति संग
सृष्टि के पालनकर्ता।
गंगा
मस्तक शोभा
निर्मलता की प्रतीक।
कैलाश
पावन धाम
शांतिप्रिय साधक गढ़।
पार्वती
संग शिव
सृष्टि की ऊर्जा।
त्रिनेत्र
जलज आग
क्रोध और करुणा।
तांडव
अग्नि रूप
संहार का नृत्य।
योगी
चंद्रशेखर महान
ध्यानस्थ शिव रूप।
लिंग
अद्वितीय धाम
सर्व व्यापक शिव।
ओंकार
शिव तत्व
सत्यम शिवम् सुंदरम्।
शिवा
करुणा संग
जीवन के रक्षक।
आदि
अंतहीन सत्य
नित्य निराकार अस्तित्व।
शिव
योग नाथ
सत्यम् शिवम् सुंदरम्।
गंगा
मस्तक शोभा
अभय दाता महेश।
अग्नि
तांडव नृत्य
महाकाल ज्योति स्वरूप।
कैलाश
शिवधाम पावन
शिवशक्ति का निवास।
शिवा
संग सदाशिव
शक्ति शिव महारूप।
शिव
सत्य शाश्वत
संहारक सृष्टि कर्ता।
नीलकंठ
विष पी गया
जग को बचाने।
शंभु
शिवा संग
सृष्टि के सृजनकर्ता।
त्रिनेत्र
क्रोध करुणा
जग का आधार।
ओंकार
शिव तत्व
सत्य का स्वरूप।
गंगा
मस्तक शोभा
पावन जलधारा।
तांडव
नृत्य रूप
सृष्टि का संहार।
कैलाश
पर्वत धाम
महादेव का वास।
योगी
ध्यान मग्न
अज्ञान का नाश।
लिंग
शिव प्रतीक
जग के रक्षक।
शिवा
शक्ति रूप
सृष्टि का आधार।
हर
दुःख हरते
भक्तों के प्रिय।
चंद्र
मस्तक शोभा
शीतलता का दाता।
भैरव
रक्षा कर्ता
भय का संहारक।
मधुर
शिव वचन
जीवन का संतोष।
सत्य
शाश्वत ज्ञान
अद्वितीय शिव महिमा।
योग
ध्यान मग्न
चेतना का स्रोत।
सृजन
शक्ति संग
सृष्टि का आरंभ।
संहार
महाकाल नृत्य
पुनरुत्थान का चक्र।
आदि
अनंत नाथ
सृष्टि के नियंता।
शक्ति
जीवन संग
शिव का स्वरूप।
त्रिशूल
शक्तिशाली चिह्न
संहार और रक्षा।
डमरू
नाद ध्वनि
सृष्टि का संगीत।
अग्नि
शुद्ध करती
अज्ञान का नाश।
प्रेम
करुणा संग
शिव का जीवन।
भक्ति
आत्मा की
शिव तक पहुंच।
चरण
शांत धाम
मोक्ष का द्वार।
स्वयं
ज्ञान रूप
आत्मा का प्रकाश।
शिवाय
कृपा रूप
संतों का संरक्षक।
काल
समय चक्र
जीवन का नियंता।
नटराज
नृत्य कला
सृष्टि का स्वरूप।
आराध्य
जग के
भक्तों के देव।
अनंत
अस्तित्व सनातन
शिव का हर रूप।
भवानी
संग शिव
शक्ति का मिलन।
आशुतोष
कृपा धारी
भक्तों की सुनते।
अगोर
रक्षक शिव
साधकों के देव।
भाले
त्रिनेत्र का
तेज अनंत आलोक।
शरण
मोक्ष द्वार
शिव की करुणा।
सौम्य
शांत शिव
ममत्व का सार।
मुक्ति
आत्मा रूप
शिव का प्रकाश।
शरणागत
भक्त समूह
शिव का आशीर्वाद।
चंद्रमौली
मस्तक शोभा
चंद्र की शीतलता।
भोलेनाथ
सरल शिव
भक्तों का सखा।
पिनाकी
धनुष रूप
शक्ति का प्रतीक।
महाकाल
समय संहार
शिव का नृत्य।
प्रभु
जगनाथ शिव
की महिमा।
हरिहर
विष्णु संग
शक्ति का युग्म।
सत्यनारायण
शिव का
सत्य रूप दर्शन।
अमर
शिव तत्व
नित्य और निराकार।
जल
पवित्र शक्ति
शिव का जीवन।
अलख
ज्योति अचल
शिव का प्रकाश।
भक्त
शिव चरण
सच्चे आस्थावान।
त्रिलोकी
नाथ स्वामी
ब्रह्मांड के धारक।
सौरभ
पुष्प सुगंध
शिव की पूजा।
हिमालय
शिव का
शांतिपूर्ण निवास।
अमृत
जीवन स्रोत
शिव का वरदान।
विष
नीलकंठ पीया
जगत की रक्षा।
अनुग्रह
कृपा दायक
हर भक्त पूजक।
मोक्ष
शिव मार्ग
आत्मा का लक्ष्य।
भव
सृष्टि रक्षक
जीवन का आधार।
शिवलिंग
साकार रूप
शिव का प्रतीक।
पार्वती
शक्ति स्रोत
शिव की संगिनी।
सत्य
शाश्वत धर्म
शिव का स्वरूप।
आनंद
शिव कृपा
मन का सुख।
चंद्रशेखर
शीतल रूप
शिव की महिमा।
प्रकृति
शिव शक्ति
सृष्टि का संगम।
महिमा
गूंज रही
हर युग में।
भूषण
गले में
सर्प शिव का।
मंदाकिनी
गंगा जल
शिव का आभूषण।
पुत्र
कार्तिक गणेश
शिव परिवार सुखद।
शिवराज
देव जगत
शिव का राज्य।
आस्था
हर मन
शिव की शक्ति।
शिवधाम
पुण्य स्थल
मोक्ष का द्वार।
त्रिपुर
नाशक महादेव
रक्षक जगत का।
शिवशक्ति
सृष्टि सृजन
जीवन का संगम।
महेश
अद्वितीय सत्य
जगत का आधार।
कृपा
दाता शिव
हर दुःख हरते।
दिव्यता
शिव का
अनुपम दिव्य प्रकाश।
आनंद
शिव का
भक्तों का जीवन।
शरण
मोक्ष मार्ग
शिव की दया।
ज्योति
शिव का
प्रकाश अनंत असीम।
शीतलता
चंद्र की
शिव का मस्तक।
अखंड
सत्य शिव
नित्य निर्मेष निराकार।
सारथी
जीवन के
शिव पथ प्रदर्शक।
अनुपम
शिव छवि
शांत और तेजस्वी।
संदेश
शिव का
जीवन का मर्म।
विनय
भक्तों में
शिव का आशीर्वाद।
शिवभाव
शांत ध्यान
आत्मा का मिलन।
मृत्यु
शिव का
पुनर्जन्म का चक्र।
निर्मल
गंगा जल
शिव का वरदान।
श्रद्धा
हर भक्त
शिव का आह्वान।
पर्व
शिव पूजा
हर युग का।
नम्रता
शिव का
भक्तों का प्रेम।
अद्वितीय
शिव वेश
जग का आधार।
सदाशिव
सत्य रूप
शिवजी सदा साथ।
अभय
शिव कृपा
जीवन की रक्षा।
गौरव
शिव का
जग का नाम।
सज्जन
भक्त रूप
शिव के चरण।
अनंत
शिव स्वरूप
जीवन का आधार।
आदित्य
शिव ज्योति
सत्य का प्रकाश।
मुक्ति
शिव धाम
आत्मा का मार्ग।
शिवानी
भक्त संग
शिवजी की कृपा।
चेतना
शिव ध्यान
सत्य की प्राप्ति।
विश्वास
शिव मार्ग
सदा अडिग सच्चाई।
शिवयोग
ध्यान मग्न
आत्मा का मिलन।
तत्व
शिव सृष्टि
जीवन का मर्म।
निर्मलता
शिव जल
शुद्धता का आधार।
शिवशरण
आत्मा संग
मोक्ष का द्वार।
रचयिता : आनन्द कुमार आशोधिया (कॉपीराइट) - 2025