स्वतंत्रता दिवस कविता
स्वतंत्रता की वेदी पर जाने, कितनों ने बलि चढ़ाई थी
अनगिनत जान खपी देश पे, तब जाके आज़ादी पाई थी
गुमनामी में जो खपा हुए, आज मैं उनके नाम गिनाऊंगा
जो शहीद हुए पर विस्मृत हैं, आज उनकी याद दिलाऊंगा
चंदरशेखर आज़ाद भगतसिंह, ये कुछ नाम चुनिंदा हैं
लाल बाल पाल गाँधी जी, हम सबके दिल में जिन्दा हैं
लाला लाजपत राय ने सर पे, अंग्रेजों की लाठियां खाई थी
अनगिनत जान खपी देश पे, तब जाके आज़ादी पाई थी
गुमनामी में जो खपा हुए, आज मैं उनके नाम गिनाऊंगा
जो शहीद हुए पर विस्मृत हैं, आज उनकी याद दिलाऊंगा
आज़ादी के मतवालों की, भारत के जन जन ने महिमा गाई थी
अनगिनत जान खपी देश पे, तब जाके आज़ादी पाई थी
ऑरबिंदो और बरिंद्रा घोष, श्री भूपेंदर नाथ बलिदान हुए
शिव वर्मा, बटुकेश्वर दत्त, हरे कृष्णा कोनार भी नाम हुए
क्रांति का दिया बिगुल बजा, तब जाके आज़ादी पाई थी
अनगिनत जान खपी देश पे, तब जाके आज़ादी पाई थी
उयालवाड़ा नरसिम्हा रेड्डी, आंध्र प्रदेश के वीर हुए
जतिन मुखर्जी, प्रफुल्ला चाकी, खुदीराम रणधीर हुए
भारत छोड़ो आंदोलन से, अंग्रेजों की नींद उड़ाई थी
अनगिनत जान खपी देश पे, तब जाके आज़ादी पाई थी
बी सी वोहरा,राजेंदर लाहिड़ी, रामप्रसाद बिस्मिल बलवान हुए
राजगुरु, सुखदेव और रोशन, अशफाक उल्ला एक खान हुए
सेंट्रल अस्सेम्ब्ली और काकोरी से, इन वीरों ने प्रसिद्धि पाई थी
अनगिनत जान खपी देश पे, तब जाके आज़ादी पाई थी
विनायक दामोदर सावरकर, वीर भाई कोतवाल हुए
वंचिन्तन आंदोलनकारी, और बिपिन चंद्र पाल हुए
वंचिन्तन ने अपने साहस से, अंग्रेजी सेना मार भगाई थी
अनगिनत जान खपी देश पे, तब जाके आज़ादी पाई थी
मदन लाल धींगड़ा, पी एम बापट, एस के वर्मा कुर्बान हुए
लाला हरदयाल, सचिन सान्याल, सूर्या सेन बलिदान हुए
सूर्या सेन ने दल बल लेकर, चित्तगोंग पे करी चढ़ाई थी
अनगिनत जान खपी देश पे, तब जाके आज़ादी पाई थी
बसंत कुमार बिश्वास, चटर्जी, रास बिहारी बोस हुए
मानिकतला पश्चिम बंगाल में जुगांतर बरीन घोष हुए
दिल्ली बम्ब विस्फोट में वायसराय की, जान पे बन आई थी
अनगिनत जान खपी देश पे, तब जाके आज़ादी पाई थी
प्रीतिलता वड्डेदार, बीना दास, लक्ष्मी बाई एक रानी थी
दुर्गा भाभी, सुशीला त्रेहान, वेलु नचियार भी एक रानी थी
इन महिला क्रांतिकारियों ने एक लम्बी लड़ी लड़ाई थी
अनगिनत जान खपी देश पे, तब जाके आज़ादी पाई थी
अलीमुद्दीन अहमद, अरुणा आसफ अली, ए क्यू अंसारी सेनानी
सुभाष बोस और मोहन सिंह, थी लक्ष्मी सहगल दीवानी
आजाद हिन्द फ़ौज बनाके, आज़ादी की लड़ी लड़ाई थी
अनगिनत जान खपी देश पे, तब जाके आज़ादी पाई थी
इनायतउल्ला खान, काजी नज़रुल, महमूद हसन देओबंदी
हेमचन्द्र कानूनगो, वी बी फड़के, हुए वीर उबैदुल्ला सिंधी
भारत छोड़ो आंदोलन के जरिए, इन वीरों ने धूम मचाई थी
अनगिनत जान खपी देश पे, तब जाके आज़ादी पाई थी
शहीद उधम सिंह के जौहर को भला कौन भुला सकता है
सरोजनी नायडू, सरदार पटेल को कौन भुला सकता है
अम्बेडकर ने भारत छोड़ो आंदोलन में, सक्रिय भूमिका निभाई थी
अनगिनत जान खपी देश पे, तब जाके आज़ादी पाई थी
जयहिन्द, जय भारत
रचयिता : आनन्द कवि आनन्द कॉपीराइट © 2022
स्वरचित, मौलिक, अप्रकाशित रचना
आनन्द कुमार आशोधिया (आनन्द कवि आनन्द)
रिटायर्ड वारण्ट अफसर, वायुसेना
शाहपुर तुर्क, सोनीपत, हरियाणा
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